सोनभद्र: यूपी के सोनभद्र जनपद में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण में मानक तार-तार हो गए हैं. न तो अधिकतम दूरी के निर्देशों का पालन हुआ और न ही विद्यालय की भौतिक स्थिति का ध्यान रखा गया. जिले में 75 किमी दूर केंद्र बनाए गए हैं, जबकि मानक अधिकतम 20 किमी की दूरी का है. कई ऐसे विद्यालयों पर केंद्र आवंटित हैं, जहां परीक्षा कराने के लिए शिक्षक और डेस्क-बेंच भी नहीं है.
फरवरी में है परीक्षा
जिस विद्यालय की अधिकतम क्षमता 400 की है, वहां 700 से अधिक परीक्षार्थियों का आवंटन हुआ है. केंद्र निर्धारण की सूची देख विद्यालय संचालक सकते में हैं, उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. बोर्ड परीक्षा फरवरी में प्रस्तावित है. तमाम जद्दोजहद के बाद 76 केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी की गई है. जिले की भौगोलिक स्थिति से अनजान अफसरों ने बंद कमरों में बैठकर ऐसे विद्यालयों को केंद्र बना दिया है, जहां तक पहुंचना परीक्षार्थियों के लिए मुश्किल है.
आवागमन के साधन भी नहीं हैं
कई विद्यालयों के विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए 70-75 किमी दूर भेजा गया है. वह भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आवागमन के साधन सीमित हैं. सुदूर इलाकों में परीक्षार्थी रुककर भी परीक्षा देना चाहें तो उनके लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं. अगर वे रोज घर से जाकर परीक्षा देना चाहें तो उन्हें पांच-छह घंटे पहले निकलना होगा. इसके बाद भी यह तय नहीं कि वे समय पर परीक्षा में पहुंच पाएंगे. केंद्रों की सूची में अनियमितता के चलते ही कुल 76 केंद्रों पर 30 से अधिक आपत्तियां आ चुकी हैं. अब जिला स्तरीय समिति को इसका परीक्षण कर निस्तारण करना है.
75 किमी है दूरी
राजकीय इंटर कॉलेज दुद्धी में नामांकित हाईस्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र सरस्वती विद्या मंदिर खड़िया (शक्तिनगर) भेजा गया है. दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी करीब 75 किमी है. केंद्र तक पहुंचने के लिए परीक्षार्थियों को पहले रेणुकूट आना होगा. वहां से पिपरी, अनपरा होते हुए शक्तिनगर जाना होगा. इस मार्ग पर अक्सर जाम लगता है. शिव प्रकाश सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगांव का केंद्र 65 किमी दूर मुड़िलाडीह में बनाया गया है.